जैसा कि आप सभी को पता ही होगा कि हमारा शरीर 50 से 75 प्रतिशत पानी से ही बना है। पानी पूरे शरीर में उपयोगी पोषक तत्व व ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। पानी से ही शरीर के तमाम आवश्यक कार्य संचालित होते हैं। एक व्यक्ति भोजन के बिना तो हफ्ते दस दिन तक जीवित रह सकता है लेकिन पानी की एक बूंद के बिना 5 दिनों से अधिक जीवित नहीं रह सकता। हम पानी पीने के कुछ सही तरीको को अपनाकर अपने शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ व रोगमुक्त रख सकते हैं। आइए पानी पीने के कुछ नियमों को जानते हैं-
पानी पीने के नियमः-
हमें सुबह उठकर खाली पेट 2 से 3 गिलास हल्का गुनगुना पानी कुक्कड़ू बैठ कर (जैसे हिन्दी टॉयलेट सीट पर बैठते हैं उस स्थिति में बैठ कर) घुट-घुट करके पीकर शौच जाना चाहिए। इससे आपका पेट बिल्कुल साफ रहेगा। चूंकि पेट की गड़गड़ी से ही सैकड़ों बीमारियां जन्म लेती हैं और जब पेट बिल्कुल साफ रहेगा तो आप बिल्कुल स्वस्थ व रोगमुक्त रहेंगे।
भोजन करने से कम से कम आधे घण्टे पहले पानी पीना चाहिए।
भोजन करते समय बीच-बीच में पानी नहीं पीना चाहिए। विशेष आवश्यकता होने पर थोड़ा सा पानी पी सकते हैं।
भोजन करने के तुरन्त बाद पानी पीना शरीर के लिए काफी नुकसानदेह होता है। इसलिए भोजन करने के कम से कम 45 मिनट बाद ही पानी पीना चाहिए।
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन करने के आधे घण्टे पहले पानी पीना अमृत के समान है और भोजन के तुरन्त बाद पानी पीना विष के समान होता है।
हमेशा बैठकर पानी पीने का प्रयास करें। खड़े होकर पानी पीने से घुटनों का दर्द सहित तमाम समस्याएं हो सकती हैं।
हमेशा पानी को घुट-घुट कर धीरे-धीरे पीना चाहिए। बहुत से लोग पानी को एक झटके में ही तेजी से पीकर खत्म कर देते है। जो कि काफी हानिकारक है।
नहाने के पूर्व व भोजन करने के बाद पेशाब अवश्य करना चाहिए।
प्यास लगने पर पानी अवश्य पीना चाहिए। शरीर में पानी की कमी से बहुत सारे रोग होते हैं। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी अवश्य पिएं।
सदैव हल्का गर्म पानी पीने का प्रयास करें। फ्रीज का ठण्डा पानी हमारे शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है, इसलिए इसे कदापि न पिएं।
- वात, पित्त, कफ तीनों के संतुलन बिगड़ने से ही शरीर में तमाम रोग होते हैं। हम पानी पीने के सही तरीको को अपनाकर वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित रख पाएंगे और सदैव रोगमुक्त रहेंगे।