आज के समय में बीपी, शुगर की समस्या आम हो गई है। अधिकांश लोग तेजी से इससे ग्रसित होते जा रहे हैं। अब कारण जो भी हो लेकिन बीपी, शुगर की समस्या बहुत ही तेजी से बढ़ती जा रही है। इसके लिए बहुत हद तक हमारा खान-पान भी एक प्रमुख कारण है। जैसा कि आप सभी को पता ही है कि आज हम सब विज्ञान के युग में है और फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए तमाम उर्वरकों व कीटनाशकों का प्रयोग हो रहा है। इससे यकीनन पैदावार में तो वृद्वि हो रही है, लेकिन इसका हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसी का नतीजा है कि आज लोग बीपी, शुगर सहित न जाने कितनी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
अगर आप एक बार बीपी, शुगर की चपेट में अच्छे से आ गये तो इसे एकदम से खत्म करना अंग्रेजी चिकित्सा पद्धति में सम्भव नहीं है। आप केवल आजीवन दवा का उपयोग करके इसे कुछ हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।
हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं जो आपके हाई बीपी व शुगर को तुरन्त कम कर देगा। जी हां, यह काफी प्रभावी है। आप जो भी दवा खा रहे हैं उसे फिलहाल खाते रहें और साथ-साथ इस तरीके को भी इस्तेमाल करके देखें।
करैले व नीम की चटनी-
इसके लिए आपको करैले व नीम के पत्ते को मिक्सर में या सील पर पीसकर चटनी बना लेना है। ध्यान रहे इस चटनी को खाना नहीं है। इस चटनी को बड़े से थाली या किसी बर्तन में रख लेना है। फिर आपको उसमें खड़े हो जाना है और बारी-बारी से एक-एक पैर को ऊपर-नीचे करते रहना है। ये तब तक करना है जब तक आपके जीभ तक इसका स्वाद न आ जाये। जब एक बार इसका स्वाद आपके जीभ तक आ जाये तो आपको इसे बन्द कर देना है। ऐसे ही सप्ताह में 2-3 बार करने पर आप देखेंगे कि आपका हाई बीपी व शुगर काफी कम हो गया होगा। इसको कुछ महीनों तक प्रयोग करने पर आप अपने बीपी व शुगर को बिल्कुल ठीक कर सकते हैं।
भोजन का तरीका-
अगर आप बीपी, शुगर जैसे रोगों से परेशान है तो आपको अपने डाइट में भी बदलाव करने की आवश्यकता है। आप जब भी भोजन करिए आपको दो थाली लेकर बैठनी है। पहले थाली में आपको अपने वजन के हिसाब से फल या कच्चे सलाद रखना होगा और दूसरे थाली में आप जो भी भोजन करना चाहते हैं, वो होगा। पहले थाली में आपको वजन के हिसाब से मतलब अगर आपका वजन 70 किग्रा0 है तो आपको 700 ग्राम फल या सलाद लेना होगा, यदि आपका वजन 50 किग्रा0 है तो आपको 500 ग्राम फल या सलाद लेना होगा यानि कि 10 ग्राम प्रति किग्रा0 के हिसाब से अपने पहले थाली में फल या सलाद रखना है। लेकिन शर्त ये है कि आपको सबसे पहले पहली थाली जो फल, सलाद वाली है उसको पूरा खत्म करना है। फिर बिना रूके दूसरी थाली में रखे भोजन को खाना है। शुरूआत में आपको हो सकता है कि पहली थाली खाने के बाद ही आपका पेट भर जाये और आप भोजन वाली दूसरी थाली को थोड़ा ही खा पाये लेकिन आप अगर नियमित इस नियम को प्रयोग करेंगे तो एक हफ्ते के अन्दर ही आप देखेंगे कि पहली थाली को खत्म करने के बाद आप भोजन भी ठीक से कर पा रहे हैं। अगर आपने इस डाइट प्लान के हिसाब से भोजन करना शुरू कर दिया तो आप बहुत जल्द अपने बीपी, शुगर सहित अन्य गम्भीर रोगों को काफी हद तक ठीक कर लेंगे।
सेंधा नमक का प्रयोग-
आज कल तो सफेद नमक ही सभी के घरों में उपयोग हो रहा है। जो कि काफी नुकसानदायक है। हाई बीपी के रोगियों को तो नमक बिल्कुल कम खाना चाहिए। अगर आप चाहते हैं कि आप बीपी सहित अन्य बीमारियों से दूर रहे तो आपको सफेद नमक को पूर्ण रूप से बन्द करके सेंधा नमक प्रयोग में लाना है। इसके लिए आप सेंधा नमक के टुकड़े का पावडर बनाकर इसको सफेद नमक के स्थान पर प्रयोग कीजिए। सेंधा नमक हृदय के लिए उत्तम, सुपाच्य, त्रिदोष शामक होता है। जो आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। आजकल तो सेंधा नमक का पावडर बाजारों में भी आसानी से उपलब्ध है।
सूर्यास्त के बाद न खाएं-
प्राचीन समय में हमारे पूर्वज अपने शाम के भोजन को सूर्यास्त से पहले ही कर लेते थे और समय से सोकर भोर में उठ जाते थे। लेकिन आज के समय में देर रात भोजन करने का चलन जोरों पर है। लोग रात को 12 बजे, 1 बजे भोजन करते हैं और 2-3 बजे सोते हैं और सुबह 8-10 बजे उठ रहे हैं। जो कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से काफी गलत है। यह आदते भी हमें बीमार बना रही हैं। आपको सूर्यास्त के बाद बिल्कुल भोजन नहीं करना है। सूर्यास्त होने से पहले ही यानि शाम 6 बजे से पहले ही आपको भोजन कर लेना है। अगर शुरूआत में सूर्यास्त के बाद भूख लगे तो आपको सलाद या फल थोड़ी मात्रा में ले लेना है। बाद में आदत बन जाने पर सूर्यास्त के बाद भूख भी नहीं लगेगी। बस इसी नियम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर नियमित करना है।
सुबह करें प्राणायाम-
सुबह उठ कर कम से कम आधे घण्टे योग, प्राणायाम, एक्सरसाईज करना स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है। मनुष्य का सबसे बड़ा धन उसका स्वास्थ्य ही है। इसलिए आपको अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित सुबह टहलने, योग, प्राणायाम, एक्सरसाईज करने की आदत को बनाना है। इससे आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढेगी और आप बिल्कुल स्वस्थ व रोगमुक्त रहेंगे। अगर आप बीपी, शुगर जैसे रोगों से ग्रसित हैं तो इसमें भी यह काफी लाभदायक होगा।
अगर आपने ऊपर बताये गये नियमों का पालन कर लिया तो आप अपने बीपी, शुगर सहित अन्य रोगों को दूर करके पूर्ण रूप से स्वस्थ बन जायेंगे।
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